पटना.कैथोलिक धर्मप्रांत में इलाहाबाद धर्मप्रांत विश्व का सबसे बड़ा धर्मप्रांत था.इसमें कोलकाता, पटना, जबलपुर, इंदौर, लखनऊ, झांसी और गोरखपुर आते थे. 1887 में कोलकाता धर्मप्रांत, पटना धर्मप्रांत 1919 में, 1932 में जबलपुर धर्मप्रांत, 1935 में इंदौर धर्मप्रांत, 1940 में लखनऊ धर्मप्रांत व 1946 में गोरखपुर इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग हुए.
1845 मे हुगली दो विकारिएट में विभाजित हुआ. एक भाग चटगांव विकारिएट और दूसरा कोलकाता विकारिएट जो पूर्वी बंगाल और पश्चिम बंगाल के नाम से जाने जाते थे. पश्चिम बंगाल को 1864 में बेल्जियम जेसुइट पुरोहितों के हाथों सौंपा गया.वह महाधर्मप्रांत के अस्तित्व में आया. मिशनरियों ने 1865 में मिदनापुर, बालासेार, 1868 में 24 परगना, 1869 में चाईबासा और 1870 में छोटानागपुर क्षेत्र में विकास का काम किया.
रोम 1812 में एक विकारिएट में तिब्बत-हिंदुस्तान के प्रान्त बनवाया. 1827 एक स्वतंत्र पटना विकारिएट बनाया गया था.जिसमें बेतिया , चुहड़ी , पटना सिटी , दानापुर , भागलपुर , दार्जिलिंग , सिक्किम , नेपाल तथा निकटवर्ती प्रदेशों. संत अनास्तासियस हार्टमैन को इसका पहला विकार अपोस्टोलिक नियुक्त किया गया था. पोप लियो एक्सटीटीआई के एक डिक्री के साथ पटना विकारिएट 1886 में इलाहाबाद धर्मप्रांत का हिस्सा बन गया.बेतिया, चुहड़ी , चखनी और लातौना के अपने चार स्टेशनों के साथ उत्तर बिहार मिशन को 1886 में टायरोलिस कैपुचिन्स को सौंपा गया था. मई 1892 में उत्तर बिहार मिशन बेतिया - नेपाल प्रीफेक्चर बनाया गया था, जिसका पहला प्रीफेक्ट अबतेई के फादर हिलारियन, ऑफम कैप था. 1919 में इस प्रान्त को भंग कर दिया गया और पटना के वर्तमान धर्मप्रांत के रूप में दक्षिण बिहार में शामिल हो गया.
पोप बेनेडिक्ट 15 वें ने 10 सितंबर 1919 को एक डिक्री द्वारा इलाहाबाद के धर्मप्रांत को दो में विभाजित किया. इस प्रकार पटना का धर्मप्रांत बनाया गया था. बेतिया-नेपाल के प्रीफेक्चर को नए धर्मप्रांत के साथ जोड़ा गया था. परमधर्मपीठ ने पटना धर्मप्रांत को सोसाइटी ऑफ जीसस के अमेरिकी मिसौरी प्रांत को सौंपा. बाद में, 13 नवंबर 1930 को, मिसौरी प्रांत के विभाजन के बाद, पटना धर्मप्रांत को सोसाइटी ऑफ जीसस के शिकागो प्रांत को सौंपा गया था. बेल्जियम के जेसुइट लुइस वैन होएक को 20 जुलाई 1920-15 फरवरी 1928 पटना का पहला बिशप नियुक्त किया गया था. 6 मार्च 1921 में विधिवत फादर लुइस वानहुक को पटना धर्मप्रांत के प्रथम धर्माध्यक्ष के रूप में अभिषिक्त किया गया.
आपको मालूम है कि इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग होकर बना है पटना धर्मप्रांत. जी हां, संत पिता बेनेडिक्ट 15 वें के कार्यकाल में 10 सितम्बर 1919 को इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग करके पटना धर्मप्रांत की स्थापना की गयी थी.इसके 2 साल के बाद पटना धर्मप्रांत को प्रथम धर्माध्यक्ष मिला.प्रथम धर्माध्यक्ष बनने का श्रेय फादर लुइस वानहुक को प्राप्त हुआ. 6 मार्च 1921 में विधिवत फादर लुइस वानहुक को पटना धर्मप्रांत के प्रथम धर्माध्यक्ष के रूप में अभिषिक्त किया गया.
बिशप लुई वैन होएक , एसजे (6 मार्च 1921 - 15 फरवरी 1928),बिशप बर्नार्ड जेम्स सुलिवन , एसजे (15 जनवरी 1929 - 6 जून 1946),बिशप ऑगस्टीन फ्रांसिस वाइल्डरमुथ , एसजे (12 जून 1947 - 6 मार्च 1980),बिशप बेनेडिक्ट जॉन ओस्टा, एसजे (76) (बाद में आर्चबिशप ) (6 मार्च 1980 - 16 मार्च 1999),बिशप विलियम डिसूजा( बाद में आर्चबिशप ) (12 दिसंबर 2005 -ं9 दिसंबर 2020) और अब सेबस्टियन कल्लूपुरा ( बाद में आर्चबिशप) April 3, 2009....)
पटना धर्मप्रांत को विभक्त कर मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत बनाया. मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत को विभक्त कर बेतिया धर्मप्रांत बनाया. पटना महाधर्मप्रांत को विभक्त कर बक्सर धर्मप्रांत बनाया. जून 29, 2018 से बिशप नहीं हैं. अभी सेवानिवृत आर्चबिशप विलियम डिसूजा को प्रेरितिक प्रशासक बनाकर काम निकाला जा रहा है.
आलोक कुमार
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