बेतिया के इसरो वैज्ञानिक लालमणि ने उद्गार व्यक्त किया
बेतिया. जब इसरो के त्रिवेंद्रम यूनिट में रहने वाले लालमणि सर ने बेतिया स्थित केेेेे. आर. विद्यालय के नाम विख्यात करने में सफल हो गए.उन्होंने कहा कि मैं यहां से 1984 में दसवीं पास की.उस समय बेतिया के. आर. विद्यालय के जेसुइट सुपेरियर फादर पॉल फॉल्स्टिच थे.मेरे प्रधानाचार्य फादर टी. एम. जोसेफ थे.
डिजाइन और चांद पर सफल लॉन्चिंग में लगे एक एक पल का एनालिसिस करने की टीम में लीडिंग भूमिका निभाने वाले लालमणि पर देश को हो रहा है गर्व.फिलहाल इसरो के त्रिवेंद्रम यूनिट में है कार्यरत.श्री माननीय लालमणि सर से ने कहा कि मैंने बेतिया स्थित केेेेे. आर. विद्यालय से 1984 में दसवीं पास की थी.उस समय बेतिया के. आर. विद्यालय के जेसुइट सुपेरियर फादर पॉल फॉल्स्टिच थे.मेरे प्रधानाचार्य फादर टी. एम. जोसेफ थे.यहां पर दो बार प्रधानाचार्य रहे. प्रथम बार 1980-1984 तक और द्वितीय बार 1990-1994 थे.हमलोग के शिक्षकों में चार्ल्स केरोबिम, अमांतिअस जोफेफात , जोसेफ राफेल, साइमन सर, गंगा सागर, केरोबिम जॉन, बीएम शर्मा, फादर टी एम जोसेफ थे.इन लोगों के प्रयास से वैज्ञानिक बन सका.
उन्होंने कहा कि इस समय त्रिवेंद्रम स्थित हनीकॉमम्ब स्ट्रक्चर के हेड पद पर हूं. चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की सफलता के बहुआयामी सार्थक परिणाम देश सहित पूरे विश्व को मिला. उन्होंने पहले भी श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी 34 के जरिए जिन 20 उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था, उसकी डिजाइन तैयार की थी. के.आर.विद्यालय के सेवानिवृत्त फादर टी एम जोसेफ ने और शिक्षकों ने बधाई दी है. 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने जब चांद पर बेतिया 24 पहला कदम रखा, पूरी दुनिया झूम उठी. सच में भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. मैं चंद्रयान-3 के डिजाइन और टाइमिंग की एनालिसिस टीम का सदस्य रहा है.
आलोक कुमार
Proud of you 👏 for being K.R. Scholar and Isro Scientist . Congratulations. Amar Singh
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