धनबाद. यहां के डिगवाडीह में कार्मेल हाई स्कूल है.इस स्कूल को ईसाई मिशनरियों के द्वारा संचालित किया जाता है.यहां 9 जनवरी को दसवीं कक्षा की छात्राएं ‘पेन डे’ मना रही थीं. यानी आगामी बोर्ड परीक्षा से पहले विद्यालय की सभी छात्राएं आखिरी दिन एक दूसरे की कमीज पर शुभकामना संदेश लिख रही थीं, ताकि अपने विद्यालय की अच्छी यादें सहेज कर रख सकें. इस बात का पता चलते ही विद्यालय की प्रिंसिपल सिस्टर देवश्री उनके पास पहुंचीं और सभी छात्राओं को डांट-फटकार लगाने लगीं.
झारखंड के धनबाद के डिगवाडीह स्थित एक नामी स्कूल में प्रिंसिपल ने हाईस्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं के द्वारा एक दूसरे की कमीज पर शुभकामना संदेश लिखना पसंद नहीं आया.उन्होंने एक बेहद शर्मनाक हरकत कर डाली. शुभकामना संदेश लिखने वाली छात्राओं को सजा के नाम पर 80 से अधिक छात्राओं को अपनी शर्ट उतारने और उसी हालत में घर जाने के लिए मजबूर किया.
जब नौ जनवरी को डिगवाडीह कार्मेल स्कूल में पेन-डे मनाने के क्रम में दसवीं की छात्राओं द्वारा एक-दूसरे के शर्ट पर कलम से शुभकामना संदेश लिखने पर प्रिंसिपल द्वारा स्कूल परिसर में 80 छात्राओं के शर्ट उतरवा दिये थे.छात्राएं घर पहुंचीं और अपने माता-पिता को अपनी आपबीती बताई तो पूरे जिले में हंगामा मच गया. पूरा शिक्षा विभाग हरकत में आ गया. एक जांच समिति गठित की गई. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दरअसल, धनबाद के एक निजी हाई स्कूल में स्कूल प्रबंधन ने हाई स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को बेहद शर्मनाक सजा दी.
धनबाद के डिगवाडीह स्थित कार्मेल स्कूल में नौ जनवरी को प्रिंसिपल देव श्री द्वारा स्कूल परिसर में 80 छात्राओं का शर्ट उतरवाने के मामले की उपायुक्त माधवी मिश्रा के निर्देश पर टीम ने जांच शुरू कर दी है. इस संबंध में पीड़ित छात्राओं के अभिभावकों ने उपायुक्त माधवी मिश्रा से मिलकर उन्हें घटना की जानकारी दी थी. साथ ही, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उपायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए धनबाद एसडीएम राजेश कुमार व जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार को घटना की तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
इस बीच धनबाद कार्मेल स्कूल में छात्राओं के शर्ट उतारने के विवाद में लीपापोती हो गयी है. तीन तक चली कार्रवाई इस निष्कर्ष के साथ खत्म हो गयी, कुछ नहीं हुआ है, परिजन व स्कूल प्रबंधन ने विवाद को सुलझा लिया है. अब विवाद सुलझ गया है या फिर दबाव बनाकर सुलझाया गया है, इसे लेकर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है. यहां तक की जांचकर्ता एसडीएम की तरफ से भी इस मामले में गोलमोल सा जवाब दिया गया.
सोमवार को इससे पहले प्रशासन, डालसा और सीडब्ल्यूसी की अलग-अलग टीमों ने जांच की थी.प्राचार्य ने इस मामले में ये कहकर खेद जताया है कि उनकी बातों का गलत मकसद निकाला गया है. इधर, एसडीएम ने कहा कि पूरे मामले को सुलझा लिया गया है. जांच के दौरान उन्होंने कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिलने की बात कही है.
लेकिन बड़ा सवाल है कि जब कुछ आपत्तिजनक नहीं था, तो फिर विवाद क्यों हुआ? परिजनों को जब कोई आपत्ति नहीं थी, तो फिर मामला डीसी तक पहुंचा कैसे? शर्ट अभी भी स्कूल में है तो फिर बच्चियों के शर्ट खोलवाये गये या नहीं? अगर शर्ट खोलवाये गये तो फिर ये आपत्तिजनक क्यों नहीं हैं? किन बातों पर सहमति बनी और जांच में क्या मिला, इन सब बातों पर एसडीएम ने चुप्पी साध ली.
एसडीएम का कहना है कि सीसीटीवी में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला.जिसके बाद स्कूल प्रबंधन और अभिभावक विवाद को खत्म करने को सहमत हो गये. स्कूल प्रिंसिपल ने खेद जताते हुए कहा है कि छात्राओं को पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं होगी.
धनबाद के डिगवाडीह कार्मेल स्कूल में छात्राओं से शर्ट उतरवाने के मामले की जांच कर रही जिला प्रशासन की टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. एसडीएम राजेश कुमार ने बताया कि छात्राओं, अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन से बातचीत के बाद सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. उन्होंने कहा कि फुटेज में कोई आपत्तिजनक घटना नहीं दिखी.
एनसीपीसीआर के निर्देश पर सीडब्ल्यूसी ने भी छात्राओं से बातचीत की है. सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने कहा कि जांच प्रारंभिक चरण में है. अगर आरोप साबित हुए, तो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.साथ ही जिला प्रशासन ने कहा है कि 10वीं की छात्राओं की परीक्षाएं प्रभावित न हो, इसके लिए जरूरत पड़ने पर उनकी काउंसलिंग की जाएगी. डालसा की टीम ने भी छात्राओं और अभिभावकों के बयान दर्ज किए. जांच में 10वीं की छात्राएं आरोपों पर अड़ी रहीं, जबकि 11वीं की कुछ छात्राओं ने घटना की पुष्टि नहीं की.
आलोक कुमार