सीपीआई (एमएल) लिबरेशन का चुनावी संदेश
नई दिल्ली .बिहार से अखिल भारतीय राजनीति तकसीपीआई (एमएल) लिबरेशन महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य ने शनिवार, 6 सितंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित पार्टी संसदीय कार्यालय, 25 मीनाबाग में लोकतांत्रिक वाम बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं से बिहार चुनाव की दिशा पर संवाद किया.
इस विचार-विमर्श में कई महत्वपूर्ण बिंदु उभरे—एसआईआर विरोधी आंदोलन की रिपोर्ट और उससे जुड़े जनप्रतिरोध का साझा आकलन.आगामी चुनाव में प्रमुख मुद्दों का परखना.बिहार चुनाव के दीर्घकालिक और अखिल भारतीय महत्व पर विमर्श.इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे, सामाजिक–राजनीतिक ध्रुवीकरण और रणनीतिक सहयोग पर सलाह-मशविरा.दीपंकर भट्टाचार्य ने साफ संकेत दिया कि इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा एनडीए की तुलना में कहीं अधिक सहज और सहयोगपूर्ण तरीके से संभव होगा.
माले इस बार पिछली 19 सीटों के मुकाबले लगभग 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है.राजनीतिक विश्लेषण यह कह रहा है कि इस बार फ्लोटिंग वोटरों की संख्या भले कम हो, लेकिन निर्णायक होगी. अधिकांश बड़े सामाजिक समुदायों का झुकाव स्थिर दिख रहा है, किंतु सबसे कठिन और निर्णायक जंग अति पिछड़ा उप-समुदायों के वोटों पर केंद्रित रहने वाली है.
सीपीआई (एमएल) की ऐतिहासिक और सामाजिक जड़ें दलितों व अति पिछड़े तबकों में गहराई से जुड़ी रही हैं। लिहाजा, अगर गठबंधन में माले की सीटों में वृद्धि होती है तो यह न केवल पार्टी के लिए बल्कि इंडिया गठबंधन के व्यापक प्रदर्शन के लिए भी शुभ संकेत होगा।क्या आप चाहेंगे कि मैं इसे थोड़ा और धारदार शीर्षकों और उपशीर्षकों के साथ संपादकीय कॉलम जैसा बना दूँ?
आलोक कुमार)