पटना.विजय पॉल सिर्फ एक नाम नहीं, साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि ऊर्जा से भरपूर सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र में विकास की एक नई परिभाषा से उन्होंने अपने ईसाई समुदाय तथा अपने समाज में अपना बहुमूल्य योगदान से सभी को चमत्कृत किया. विजय पॉल किसी परिचय का मोहताज नहीं,वे किसी की भी मदद के लिए सदा तत्पर रहते थे.
विजय पॉल का जन्म बेतिया के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ. इनके पिता फ्लोरियन पॉल एक प्रतिष्ठित जज थे और तथा श्रीमती जोहाना फ्लोरियन पॉल जो अपनी बुद्धिमता के लिए जानी जाती थी.वे परिवार के ज्येष्ठ पुत्र थे.वे येसु समाजी फादर आर. पी. साह के भतीजे थे.साथ ही उनकी माता की दो बहने सिस्टर कैरोलीन तथा सिटर मैरियन सेक्रेड हार्ट की धर्म बहने थीं.ये सात भाई-बहनों में ज्येष्ठ थे तथा पौल सेलेस्टियन साह के पहले पौत्र थे.25-26 भाई-बहनों का संयुक्त परिवार जिनमें से सबसे बड़े थे.
विजय पॉल का विवाह बेतिया निवासी श्री मारकुस टीटी की पुत्री ईना मार्क से हुआ था.इनकी दो बेटियों है जिनमें बड़ी बेटी नेहा अपने परिवार के साथ बैंगलोर में रहती हैं तथा दूसरी निधि अपने परिवार के साथ और ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं.
सामाजिक कार्य कलापों में उनका शुरू से झुकाव था, इससे संबंधित एक वाक्य याद आ रहा है, जब ये बांसकोठी में रहने आए,तब उस क्षेत्र में जल की समुचित व्यवस्था नहीं थी.तब उन्होंने संत माइकल विघालय के पॉल मास्टर एक साथ मिलकर इस क्षेत्र में पीएचइडी विभाग से वाटर की व्यवस्था कराई थी, साथ ही साथ लोगों की घरेलू समस्याओं एवं न्यायिक समस्या कर उस क्षेत्र के लोगों को समाधान करने में उनके सराहनीय भूमिका रही है.
ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन, बिहार राज्य के संस्थापक सदस्य थे. कुर्जी पेरिस के पेरिस काउंसिल के माननीय सदस्य थे पटना हाईकोर्ट से में डिप्टी रजिस्ट्रार के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे.
आज इस गिरजाघर में इन्हें अंतिम विदाई देने इनके प्रियजन इनको श्रद्धांजलि देने के एकत्रित हुए हैं.आज इनके जीवन के लिए प्रभु येसु ख्रीस्त को धन्यवाद देते हैं और उनसे कहते है कि उनको अनंत शांति प्रदान कर जन्नत बख्श दे.
आलोक कुमार

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