शनिवार, 3 मई 2025

नाज़रेथ अस्पताल एससीएन सिस्टरों के द्वारा संचालित है

नाज़रेथ अस्पताल एससीएन सिस्टरों के द्वारा संचालित है

मोकामा. एक ऐतिहासिक जगह है, और यहाँ "माइनर बासिलिका" (Minor Basilica) है, जिसे आवर लेडी ऑफ डिवाइन ग्रेस चर्च के नाम से भी जाना जाता है. यह चर्च उत्तर भारत का दूसरा माइनर बासिलिका है और 200,000 से अधिक भक्तों को आकर्षित करता है.
इसी के बगल में एससीएन सिस्टरों के द्वारा संचालित नाज़रेथ अस्पताल है.इसका 64 से अधिक वर्षों का सुनहरा इतिहास है.13 साल पूर्व एससीएन सिस्टरों ने 2012 में कर्मचारियों की कमी और श्रमिक संघों के साथ समस्याओं के कारणों को लेकर अस्पताल को बंद कर दिया.जिसके कारण अस्पताल कलंकित हो गया.
अस्पताल बंद होने से पचास से अधिक कर्मियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा.सभी कर्मी रोड पर आ गए.उनमें कई कर्मियों की अकाल मौत हो गई.
यहां स्पष्ट है कि अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल को बंद करने का मुख्य कारण श्रमिक संघों के साथ समस्याओं को बताया.कुछ वर्षों के बाद अस्पताल को पुन: खोल दिया गया.
इस संदर्भ में कुंदन कुमार ने 21 दिसंबर, 2023 को सुबह 4:58 बजे लिखा कि अब यहाँ किसी भी इलाज के लिए बहुत ज़्यादा पैसे लिए जाते हैं, बिल्कुल प्राइवेट अस्पताल की तरह.अब यह दान नहीं बल्कि व्यापार बन गया है.
वहीं अंकित कुमार ने 1 मई, 2021 को सुबह 3:55 बजे लिखा कि इस अस्पताल को फिर से खोलने के लिए कुछ प्रयास करें...मोकामा के लोगों को इस प्रतिष्ठित अस्पताल की जरूरत है..
श्रीदेव ने 4 मई, 2021 को दोपहर 12:17 बजे लिखा था कि भारत में यह महामारी का समय है.
मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि कृपया मोकामा में नाज़रेथ अस्पताल को फिर से खोल दें.मेरा पूरा परिवार इस कोविड वायरस से संक्रमित है, लेकिन यहाँ 100 किलोमीटर के आस-पास कोई बड़ा अस्पताल नहीं है जहाँ हम अपना इलाज करा सकें.इस क्षेत्र के लाखों लोगों को इस अस्पताल की ज़रूरत है.कृपया हमारी आवाज़ और दर्द सुनें.
महामारी के समय क्रूर बनकर नहीं खोला गया.

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