शुक्रवार, 9 मई 2025

न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की सिफारिश की

 


पटला. भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली श्रम संबंधी संसद की स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा अपनी कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन राशि 1,000 रुपये बढ़ाए.     

          संसद की एक समिति ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की सिफारिश की है.केंद्र सरकार ने 2014 में ईपीएफओ के सब्सक्राइबर्स को मिलने वाली न्यूनतम पेंशन 250 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह तय की थी.लेकिन ट्रेड यूनियनों और पेंशनर्स के संघों की लंबे समय से मांग रही है कि न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर कम से कम 7,500 रुपये प्रति माह किया जाए. उनका कहना है कि महंगाई बहुत बढ़ गई है, इसलिए पेंशन भी बढ़नी चाहिए। लेकिन पिछले 11 साल से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.     

               बीजेपी सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि EPS 95 की कर्मचारी पेंशन योजना तहत दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जाए। अभी यह पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह है। समिति ने पहले भी यह सिफारिश की थी और एक बार फिर इसे दोहराया है। समिति ने कहा कि 2014 के मुकाबले 2024 में महंगाई कई गुना बढ़ गई है और इसके मुताबिक पेंशन में बढ़ोतरी करने की जरूरत है. समिति ने आगे कहा कि वित्तीय असर को ध्यान में रखते हुए भी सरकार को पेंशनरों और उनके परिवार के सदस्यों के व्यापक हित में तत्परता के साथ यह काम करने की जरूरत है.   प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की के मूल वेतन पर 12 प्रतिशत की कटौती खाते के लिए की जाती है. वहीं, कंपनी भी इतना ही पैसा कर्मचारी के  खाते में जमा करती है. एम्प्लॉयर की ओर से जमा किए जाने वाली रकम में से 8.33% हिस्सा ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में जमा होता है, जबकि बचा हुआ 3.67% हिस्सा पीएफ में जाता है.   

    भगत सिंह कोश्यारी कमेटी ने ईपीएफ से जुड़े कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये करने की सिफारिश की थी. यह सिफारिश साल 2013 में की गई थी. हालांकि, केंद्र सरकार ने इस पर अब तक अमल नहीं किया है.  


आलोक कुमार

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