रांची। रांची महाधर्मप्रांत के आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो ने गुरुवार से लेकर रविवार तक के महत्वपूर्ण दिनों के बारे में विस्तार से बताया और साथ ही इन्हें किन मान्यताओं के साथ मनाया जाता है, पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पुण्य बृहस्पतिवार को तीन विधियां की जातीं है।
इसमें पहला है- प्रभु का अपने चेलों का पैर धोना, जिससे उन्होंने ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं करने का संदेश दिया और कहा कि एक-दूसरे को प्रेम करने के लिए प्रेरित किया। दूसरा- येसु ने एक बलिदान दिया। मानव मुक्ति के लिए उन्होंने खुद का बलिदान दिया।
तीसरा- बलिदान को अर्पित करने के लिए उन्होंने अपने प्रेरितों को पुरोहिताई की शिक्षा दी।
पुण्य बृहस्पतिवार की सुबह वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर में क्रिज्म मिस्सा के दौरान अपने उपदेश में संत पापा फ्राँसिस ने पुरोहितों को निमंत्रण दिया कि वे अपनी नजरें येसु पर केंद्रित रखने की कृपा प्राप्त करें, जिससे कि वे ईश्वर एवं लोगों की सेवा बेहतर रूप से कर सकेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
welcome your comment on https://chingariprimenews.blogspot.com/