और दोस्तों से कहते रहते कि दिल्ली से पटना आते ही रहेंगे अंततः पटना जेफरी आ ही गये
कुर्जी चर्च |
जेफरी केरकेट्टा का नाम समीर केरकेट्टा भी है. कुर्जी क्रिश्चियन काॅलोनी में रहने वाले आर केरकेट्टा के पुत्र हैं. स्व.आर केरकेट्टा नोट्र्े डेम एकेडमी में अकाउंटेड थे.उनके चार पुत्री और चार पुत्र हैं.पुत्रियों में सरोज बड़ी थीं.पुत्र में जेफरी केरकेट्टा बड़े थे.पटना में कालाजार विभाग में कार्यरत थे. इसके बाद दिल्ली में स्थानान्तरण हुआ था.वहां पर बेहतर ढंग से कार्य करते थे.इस बीच बीमार पड़े. किडनी में कैंसर हो गया था. इसका इलाज चल रह था. इस बीच दिल्ली से पटना आते और जाते थे.पटना के दोस्तों से कहते थे कि अब पटना आते रहेंगे.यह देखें पटना आ ही गये.यह विधि के विधान के तहत हो गया.
उनसे मिलने वाले रिश्तेदार और दोस्त आ गये.पर वह बाॅक्स में पड़े रहे.आने वाले लोग जेफरी के बारे कहते रहे जिंदा दिल इंसान थे. चेहरे पर मुस्कान बिखड़ते रहते थे.किसी से दुश्मनी नहीं सभी दोस्त ही थे. जेफरी के दोस्तों में सुशील लकड़ा, जोन बेनेदिक्त,इक्लारेंस हेनरी,सुशील लोबो,जेवियर लुइस आदि आये थे.वहीं जेफरी की धर्मपत्नी गोडेंसिया केरकेट्टा के साथ नर्सिंग करने वाली एडलीन माइकल की पुत्री भी आयी थीं. कुर्जी होली फैमिली हाॅस्पिटल में गोडेंसिया और एडलीन साथ-साथ नर्सिंग की थीं.साथ-साथ इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान,शेखपुरा में काम करती थीं. इसके बाद उक्त संस्थान से गोडेंसिया दिल्ली चली गयी. इस बीच एडलीन माइकल की अकाल मौत हो गयी.इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान,शेखपुरा की दोस्त लुसी बेनेदिक्त,कुमारी,फिलोमीना डिक्रूज आदि भी कुर्जी चर्च में मिस्सा सुने और कुर्जी कब्रिस्तान में मिट्टी दिये. फादर सेल्विन जेवियर को भी कहते सुना गया कि जब ब्रदर थे तब से केरकेट्टा परिवार को जानते हैं.
आलोक कुमार
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