इस अवसर पर आर्चविशप लियोपोल्ड गिरेली अपोस्टोलिक नुनशियो यानी भारत एवं नेपाल के लिए पोप फ्रांसिस के प्रतिनिधि और वेटिकन सिटी के राजदूत बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहकर नये धर्माध्यक्ष का अभिनन्दन किया. इसके अलावा भारत के विभिन्न धर्मप्रान्तों के कई आर्चबिशप, बिशप, धर्मसंघीय वरिष्ठ अधिष्ठाता, प्रान्तीय अधिष्ठाता, मेजर सेमिनरी के रेक्टर, विभिन्न धर्मप्रान्तों से बड़ी संख्या में पुरोहित एवं धर्म बहनें भाग लिये. इस अवसर पर गोरखपुर धर्म प्रान्त के सभी सदस्य, शहर के महापौर एवं प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे.
बता दें कि गोरखपुर धर्मप्रांत नेपाल सीमा पर है.बनारस धर्मप्रांत से अलग होने के बाद 1984 से 2023 तक गोरखपुर धर्मप्रांत में तीन बिशप बने है.पोप फ्रांसिस ने 26 अगस्त 2023 को फादर मैथ्यू नेलिकुन्नेल को उत्तर प्रदेश में गोरखपुर धर्मप्रांत का बिशप नियुक्त किया था.नियुक्ति की औपचारिक घोषणा इतालवी समय के अनुसार दोपहर 12 बजे वेटिकन में और भारतीय समय के अनुसार अपराह्न 3ः30 बजे केरल के कोच्चि के उपनगर कक्कानाड में चर्च के मुख्यालय सेंट थॉमस माउंट में की गई.
नवनिर्वाचित बिशप का जन्म 13 नवंबर, 1970 को केरल के इडुक्की जिले के मारियापुरम के सेंट मेरी चर्च के पैरिशियन वर्की और मेरी नेलिकुन्नेल की पहली संतान के रूप में हुआ था.स्कूल की पढ़ाई के बाद, वह ख्रीस्त ज्योति प्रांत, पंजाब-राजस्थान के मंडली के माइनर सेमिनरी में शामिल हो गए. उन्होंने अपना पहला करियर 1990 में बनाया और आखिरी आठ साल बाद. उन्हें 30 दिसंबर 1998 को कोठामंगलम के बिशप जॉर्ज पुन्नकोट्टिल द्वारा पुरोहित नियुक्त किया गया था.
समन्वय के बाद, उन्होंने सहायक सेमिनरी मास्टर, सेमिनरी के रेक्टर, पल्ली पुरोहित और स्कूल प्रबंधक जैसी विभिन्न क्षमताओं में मंडली की सेवा की.2005 में वह उच्च अध्ययन के लिए रोम चले गए जहाँ उन्होंने दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. फिर उन्हें लिटिल फ्लावर मेजर सेमिनरी, अलुवा में शिक्षक नियुक्त किया गया. बाद में, उन्होंने जर्मनी में रेगेन्सबर्ग धर्मप्रांत में तीन साल तक पास्टोरल मंत्रालय संभाला.2015 में उन्हें ख्रीस्त ज्योति प्रांत, पंजाब-राजस्थान का प्रोविंशियल चुना गया. 2018 में कार्यकाल पूरा करने के बाद, उन्हें लिटिल फ्लावर मेजर सेमिनरी का रेक्टर नियुक्त किया गया.निर्वाचित बिशप अपनी मातृभाषा मलयालम के अलावा अंग्रेजी, हिंदी, जर्मन और इतालवी जैसी कई भाषाओं में पारंगत हैं.
नेपाल सीमा पर गोरखपुर धर्मप्रांत 1984 में डोमिनिक कोक्कट के साथ बनाया गया था, जो इसके पहले बिशप के रूप में उसी मंडली के सदस्य थे. 2006 में बिशप थुरुथिमट्टम ने उनकी जगह ली.
आलोक कुमार




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